जहां आदर नही वहा जाना मत , जो सुनता नही उसे समझाना मत , (preetsinghsr)

 


जहां आदर नही वहा जाना मत , 
जो सुनता नही उसे समझाना मत , 
जो पचता नही उसे खाना मत 
और जो सत्य पर भी रुठे उसे मनाना मत ।

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